राज्यों की आर्थिक सेहत में आ रहा है 'सुधार', फिस्कल डेफिसिट के GDP का 3.6 फीसदी रहने का अनुमान
State Fiscal Deficit: राजस्व प्राप्तियों में आए बेहतर उछाल को देखते हुए इंडिया रेटिंग्स ने राज्यों के फाइनेंस आउटलुक को 'न्यूट्रल' से संसोधित कर 'इम्प्रूविंग' कर दिया है.
FY23 में राज्यों का Fiscal Deficit जीडीपी का 3.6 फीसदी रहने का अनुमान. (Source: Pixabay)
FY23 में राज्यों का Fiscal Deficit जीडीपी का 3.6 फीसदी रहने का अनुमान. (Source: Pixabay)
State Fiscal Deficit: रेवेन्यू में आए ग्रोथ को देखते हुए राज्यों की आर्थिक सेहत में सुधार हो रहा है. इंडिया रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2023 के लिए राज्यों के फाइनेंस आउटलुक को 'न्यूट्रल' से संसोधित कर 'इम्प्रूविंग' कर दिया है.
इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) ने अनुमान लगाया है कि FY23 में राज्यों का कुल राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) कुल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.6 फीसदी रहेगा. इसके पहले एजेंसी ने राज्यों के फिस्कल डेफिसिट के 4.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. वित्त वर्ष 22 में इसके 3.5 फीसदी रहने का अनुमान है.
नॉमिनल जीडीपी बेहतर रहने का अनुमान
इंडिया रेटिंग्स ने एक नोट में कहा कि राजस्व प्राप्तियों के उम्मीद से बेहतर रहने और वित्त वर्ष 22 में Nominal GDP में उच्च वृद्धि के कारण यह संसोधन किया जा रहा है. एजेंसी ने इस वित्त वर्ष में राष्ट्रीय नाममात्र जीडीपी (national nominal GDP) के 17.6 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया है, जो पिछले अनुमान 15.6 प्रतिशत से अधिक है.
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मार्केट से उधारी में आई गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया है कि FY22 में राज्यों की सकल बाजार उधारी (gross market borrowings) 6.6 लाख करोड़ रुपये और शुद्ध बाजार उधारी (net market borrowings) 4.6 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो कि पिछले अनुमान क्रमश: 8.2 लाख करोड़ रुपये और 6.2 लाख करोड़ रुपये से कम है.
वहीं रेटिंग एजेंसी ने अगले वित्त वर्ष में सकल बाजार उधारी सात लाख करोड़ रुपये और शुद्ध बाजार उधारी 4.63 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है. राज्यों की राजस्व प्राप्तियां (revenue receipts) बढ़ने और केंद्र से ज्यादा कर हिस्सेदारी मिलने से राज्यों के आर्थिक हालात सुधरने की उम्मीद है.
26 राज्यों से मिली जानकारी
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि उसका यह पूर्वानुमान चालू वित्त वर्ष में 26 राज्यों से प्राप्त सूचना पर आधारित है. इन राज्यों की सकल राजस्व प्राप्ति (revenue receipts) अप्रैल-नवंबर के दौरान सालाना आधार पर 25.1 फीसदी बढ़कर 16.4 लाख करोड़ रुपये रही. जबकि इस अवधि के दौरान उनका राजस्व व्यय (revenue expenditure) केवल 12 फीदसी बढ़ा.
11:00 AM IST